केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित समग्र शिक्षा योजना के तहत प्राथमिक और इंटरमीडिएट शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया जा रहा है। यह योजना विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों के सेवाकालीन प्रशिक्षण, उपलब्धि सर्वेक्षणों का संचालन, अनुकूल शिक्षण वातावरण, पुस्तकालय, खेल और शारीरिक गतिविधियों के लिए अनुदान, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, आईसीटी और डिजिटल पहलों के लिए सहायता, स्कूल नेतृत्व विकास कार्यक्रम, और शैक्षणिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए सुधारात्मक शिक्षण जैसी गतिविधियों में सहायता प्रदान कर रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के साथ जोड़ी गई समग्र शिक्षा योजना ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई नए कदम उठाए हैं। इनमें नई शैक्षणिक और पाठ्यचर्या संरचना की शुरुआत, प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा, आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, अनुभवात्मक और योग्यता आधारित शिक्षा शामिल हैं।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए निम्नलिखित पहल की गई हैं:
निपुण भारत: पढ़ने में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि हर बच्चा ग्रेड 3 के अंत तक बुनियादी साक्षरता और गणना प्राप्त कर ले।
निष्ठा प्रशिक्षण कार्यक्रम: शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, और अन्य हितधारकों के लिए एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) 2021: बच्चों की प्रगति और सीखने की दक्षताओं का मूल्यांकन।
प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI): राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ग्रेड देने के लिए 73 संकेतक-आधारित मैट्रिक्स।
विद्या प्रवेश दिशानिर्देश: ग्रेड-I के बच्चों के लिए तीन महीने का खेल-आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल।
लर्निंग एन्हांसमेंट प्रोग्राम: प्रारंभिक स्तर पर सुधारात्मक शिक्षण और ब्रिज कोर्स।
यूडीआईएसई+ डेटा के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान देश भर के स्कूलों में कुल 265,235,830 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 184,886,952 विद्यार्थी शामिल थे। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ दिशा-निर्देश साझा किए हैं, जिनमें छह से 18 वर्ष की आयु के स्कूल न जाने वाले बच्चों की पहचान, नामांकन अभियान, और जागरूकता पैदा करना शामिल है।
शिक्षा मंत्रालय ने डिजिटल शिक्षा तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए पीएम ई-विद्या पहल शुरू की है। इसमें निम्नलिखित घटक शामिल हैं:
दीक्षा प्लेटफॉर्म: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण ई- सामग्री प्रदान करना।
स्वयं प्रभा टीवी चैनल: 1 से 12 तक प्रत्येक कक्षा के लिए।
रेडियो और पॉडकास्ट: दृष्टिबाधित और श्रवण बाधितों के लिए विशेष ई-सामग्री।
शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने यह जानकारी राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।