राजस्थान में शिक्षक भर्ती पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भर्ती हुए 1 लाख शिक्षकों की डिग्रियों की अब पुन: जाँच होगी। इन शिक्षकों के दस्तावेजों का एक बार फिर से सत्यापन किया जाएगा और परीक्षा केंद्र पर जाकर उनके हस्ताक्षरों तक की भी जाँच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शिक्षक ने स्वयं परीक्षा दी थी या किसी अन्य ने।

भजनलाल सरकार ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई भर्तियों की जाँच करवाने का निर्णय लिया है। इसके चलते पिछले 5 वर्षों में हुई भर्तियों की पुनः जाँच होगी। शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को आरंभ कर दिया है। प्रारंभिक शिक्षा में पिछले 5 वर्षों में जितने भी शिक्षक भर्ती हुए थे, उनके दस्तावेज और चित्रों की जाँच की जाएगी। इसके लिए खंड स्तर पर एक आंतरिक जाँच समिति का गठन किया गया है, जो 30 जुलाई तक जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट के निर्देश पर सभी जिला शिक्षा अधिकारी प्रदेश के सभी जिलों में पिछले 5 वर्षों में नियुक्त तृतीय श्रेणी शिक्षकों की जाँच में जुट गए हैं। शिक्षकों ने आवेदन के समय जो दस्तावेज और चित्र दिए थे, उनकी पुनः जाँच की जा रही है। भाजपा सरकार के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने यह जाँच आरंभ कर दी है। अब कांग्रेस शासन में नियुक्ति पाने वाले लगभग 1 लाख शिक्षकों के अभिलेखों की पुनः जाँच होगी। शिक्षकों की उपाधियों की सत्यता जाँचने के लिए जाँच दल संबंधित विश्वविद्यालयों में भी जाएगा। इसके अलावा परीक्षा केंद्र पर किए गए हस्ताक्षरों की भी जाँच होगी।

प्रधानाचार्य से लेकर शिक्षक तक की होगी जाँच

यह जाँच तृतीय श्रेणी से प्रधानाचार्य स्तर तक नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की हो रही है। सभी की उपाधि, अंकतालिका, चित्र और अन्य कागजात की जाँच आरंभ हो गई है। तृतीय और द्वितीय श्रेणी के शिक्षकों के अभिलेखों की जाँच जिला शिक्षा अधिकारी और उप निदेशक स्तर पर की जाएगी। वहीं, व्याख्याता और प्रधानाध्यापक स्तर के उम्मीदवारों के अभिलेखों की जाँच शिक्षा निदेशालय कर रहा है।

शिक्षकों के दस्तावेजों का पुनः सत्यापन

माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी का कहना है कि विभाग के आदेश पर पिछले 5 वर्षों में हुई नियुक्तियों के दस्तावेजों का पुनः सत्यापन किया जा रहा है। विशेषकर जिनकी नियुक्तियों में अनियमितता के आरोप लग रहे हैं, उनमें पीटीआई भर्ती सहित कुछ अन्य भर्तियाँ शामिल हैं।