केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों (CwSN) के प्रवेश और उनके समर्थन के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना और सभी स्कूलों में बच्चों को समान अवसर प्रदान करना है, जो कि ‘विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016’ के तहत अनिवार्य है।
CBSE ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक दिशानिर्देश जारी किया है कि विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को शिक्षा, खेल, और मनोरंजन के क्षेत्र में समान अवसर प्राप्त हो। ये दिशानिर्देश विशेष रूप से CwSN छात्रों के शैक्षणिक और सामाजिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए स्कूलों पर जोर देते हैं।
CBSE के दिशानिर्देश ‘विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016’ के अनुरूप हैं, जिसमें विशेष रूप से धारा 16 के तहत यह प्रावधान है कि सरकार द्वारा वित्तपोषित या मान्यता प्राप्त सभी शैक्षणिक संस्थानों को विकलांग बच्चों को समावेशी शिक्षा प्रदान करनी चाहिए।
CBSE की आधिकारिक अधिसूचना में जोर दिया गया है कि स्कूलों को बिना किसी भेदभाव के CwSN छात्रों को प्रवेश देना चाहिए और उनके विशेष आवश्यकताओं के अनुसार समावेशी वातावरण बनाने का प्रयास करना चाहिए।
स्कूलों के लिए मुख्य दिशानिर्देश
- सभी छात्रों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराना: स्कूलों को अपने भवन, परिसर और सुविधाओं को सभी छात्रों, चाहे उनकी शारीरिक क्षमताएं कुछ भी हों, के लिए सुलभ बनाना होगा।
- व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार समायोजन: दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक विकलांग छात्र के लिए आवश्यक समर्थन उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे उनका शैक्षणिक और सामाजिक विकास हो सके।
- भाषा और संचार: दृष्टिहीन, बहरे, या दोनों प्रकार के छात्रों के लिए शिक्षा सबसे उपयुक्त भाषाओं और संचार के तरीकों में प्रदान की जानी चाहिए।
- विशिष्ट सीखने की अक्षमताओं का पता लगाना: स्कूलों को प्रारंभिक स्तर पर ही सीखने की विशिष्ट अक्षमताओं का पता लगाना चाहिए और छात्रों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए उपयुक्त शैक्षिक उपाय अपनाने चाहिए।
- निगरानी और प्रगति की निगरानी: स्कूलों को प्रत्येक CwSN छात्र की भागीदारी, उपलब्धि स्तर और शिक्षा की समाप्ति पर नज़र रखने के लिए कहा गया है।
- भौतिक ढांचे में बदलाव: दिशानिर्देशों में फर्श, रैंप, लिफ्ट, शौचालय आदि की स्थापना सहित स्कूलों में आवश्यक बुनियादी ढांचे में बदलाव की विस्तृत जानकारी दी गई है।
- परिवहन सुविधाएं: विकलांग बच्चों के लिए परिवहन सुविधाएं प्रदान करने के महत्व पर भी जोर दिया गया है, जिसमें आवश्यकतानुसार उनके सहायक के लिए भी समर्थन शामिल है।
विशेष आवश्यकताओं वाले छात्रों के लिए समावेशी शिक्षा हेतु कुछ दिशानिर्देश
- ग्राउंड फ्लोर पर बच्चों के लिए अनिवार्य रैंप का निर्माण
- लड़कों और लड़कियों के लिए अलग, सुलभ शौचालय, जिनमें व्हीलचेयर या वॉकर के लिए पर्याप्त जगह हो
- सीबीएसई के संबद्धता के समय स्कूल यह सुनिश्चित करें कि CwSN कक्षाओं/प्रैक्टिकल्स को किन मंजिलों पर आयोजित किया जाएगा
- स्कूल भवन, खेल के मैदान और शौचालयों तक के रास्ते को समतल, स्थिर और फिसलन-रोधी बनाना
- प्रवेश द्वार और दरवाजे की चौड़ाई 1500-1800 मिमी हो, जिसमें कक्षाओं, शौचालयों और लैब्स के दरवाजों की न्यूनतम चौड़ाई 900 मिमी हो
- तेज मोड़ों से बचें, और रास्तों को बाधा मुक्त रखें, खतरनाक स्थानों पर हैंडरेल और स्तर में बदलाव के स्थानों पर गार्ड रेल लगाएं
- फर्श की सतहों को फिसलन-रोधी बनाएं और ढीले कंकड़ या पत्थरों से बचें
CBSE द्वारा जारी ये दिशानिर्देश विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये दिशानिर्देश स्कूलों को समावेशी और भेदभावमुक्त वातावरण बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिससे हर बच्चा समान रूप से शिक्षा के अधिकार का लाभ उठा सके।