शिक्षक बनेंगे वर्ड क्‍लास फैैकल्‍टी

Kiran Maheshwari Minister of higher education rajasthan

शिक्षक बनेंगे वर्ड क्‍लास फैैकल्‍टी

शिक्षक बनेंगे वर्ड क्‍लास फैैकल्‍टी : उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के साथ ही राज्य सरकार द्वारा राज्य में ‘एकेडमिक लीडरशीप’ को प्राथमिकता में रखते हुए कार्य किया जाएगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने गुरूवार को शिक्षा संकुल में मुख्यमंत्री सलाहकार समिति के उपसमूह (उच्च शिक्षा) की आयोजित बैठक के बाद यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों को वैश्विक आवश्यकताओं के अनुरूप अपडेट करने वाले विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों का सतत क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सलाहकार उप समूह के सदस्यों के साथ हुए विमर्श के बाद यह भी तय किया गया है कि राज्य में सरकारी के साथ-साथ निजी उच्च शिक्षण संस्थाओं की रेटिंग किये जाने का एक फ्रेमवर्क तैयार किया जाए।

इसके अंतर्गत शिक्षण संस्थाओं में प्रदत्त शैक्षिक स्वायतता, शिक्षकों के अध्यापन की गुणवत्ता, विद्यार्थियों के सीखने के स्तर आदि के आधार पर उच्च शिक्षण संस्था को रेटिंग प्रदान किये जाने पर कार्य किया जाएगा।

श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की मंशा है कि प्रदेश उच्च शिक्षा में देश का मॉडल स्टेट बने। इसे ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा में गुणवत्ता वृद्धि के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किये जाएंगे।

विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कौशल प्रशिक्षण के लिये भी विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे ताकि विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्ति के बाद रोजगार के लिए अतिरिक्त प्रयास नहीं करना पड़े।

उन्होंने कहा कि आरंभ में राज्य के विश्वविद्ययालयों के मौजूदा इन्फ्रास्टक्चर का उपयोग करते हुए वहां कौशल दक्षता के लिए शिक्षण-प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा और इसके बाद धीरे-धीरे महाविद्यालयों में भी इस तरह की गतिविधियॉं संचालित की जाएगी जिससे विद्यार्थी अध्ययन के साथ-साथ विशेष उद्यमिता कौशल में दक्ष हो सके।

राज्य के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को प्रोफेशनल रूप में बेहतर किए जाने के लिए भी प्रयास हो।

उन्होंने सरकारी के साथ-साथ निजी शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों, वहां संचालित पाठ्यक्रमों, शिक्षकों के स्तर, उच्च शिक्षा के अंतर्गत अपनाए गए नवाचारों आदि के संबंध में पूर्ण डेटा ऑनलाईन एकत्र किए जाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिलेवार मॉनिटरिंग करते हुए यह कार्य प्राथमिकता से किया जाए ताकि प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्तर एवं निजी शिक्षण संस्थाओं के योगदान की समग्र जानकारी एकत्र हो सके।

राज्य सरकार नए समेस्टर से राज्य के महाविद्यालयों में ‘ई-क्लासेज’ की व्यवस्था करेगी।

उन्होंने बताया कि सरकारी महाविद्यालय कैसे उच्च स्तरीय गुणवत्ता के देश के मानक रूप में कार्य करे, इस पर भी सभी स्तरों पर प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी भी अभिभावकों का विश्वास सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों पर है। इसकी बड़ी वजह यही है कि बहुत से संस्थान बहुत बेहतर कार्य कर रहे हैं। हमारा यह प्रयास रहे कि राज्य के सभी सरकारी शिक्षण संस्थान उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के केन्द्र बने। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

इससे पहले मुख्यमंत्री सलाहकार उप समूह के अंतर्गत सदस्यों ने तकनीक का उपयोग उच्च शिक्षा के विकास और युवाओं को समयानुरूप दक्ष करने में किए जाने, उच्च शिक्षण संस्थाओं में स्वायत्ता के साथ ही वहां बेहतर शिक्षण का माहौल बनाए जाने, निजी शिक्षण संस्थाओं की शैक्षिक विकास में जवाबदेही तय किए जाने आदि पर विशेष रूप से विमर्श किया गया।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजहंस उपाध्याय, प्रमुख शासन सचिव, स्कील डवलपमेंट श्री रजत मिश्र, कॉलेज शिक्षा के आयुक्त श्री आशुतोष ए. पेडेंनकर, मुख्यमंत्री सलाहकार उप समूह के सदस्य सर्वश्री मोहनदास पाई, राजेन्द्र पवार, मनीष सबरवाल, आनंद सुदर्शन, प्रो. अशोक झुनझुनवाला, श्रीमती उर्वशी साहनी, डॉ. विद्या यर्देवेकर ने उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सुझाव दिए। बैठक में बड़ी संख्या में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के अधिकारियों ने भाग लिया।