बांसवाड़ा : बच्चे ठंड में भी भागदौड़ को मजबूर
बांसवाड़ा : जिले में माध्यमिक एवं प्रारम्भिक शिक्षा विभाग की नकेल कमजोर पड़ती दिख रही है। दोनों ही विभाग अंतर्गत संचालित कतिपय निजी विद्यालय जमकर शिविरा पंचांग की खिल्ली उड़ा रहे हैं और सभी नियमों को ताक में रख मनमर्जी से ही विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। अभिभावक बच्चों के भविष्य को देख निजी विद्यालयों के ऑडर्र मानने को मजबूर हैं। पर, विभाग की चुप्पी समझ से परे है। फिलहाल समस्त विद्यालयों में शिविरा पंचांग के अनुसार अवकाश घोषित है। पर, अवकाश होने के बावजूद कई निजी स्कूल सोमवार से वापस शुरू हो गए हैं। ऐसे में अभिभावकों एवं बच्चों की ठण्ड मेें दौड़ शुरू हो गई है।
‘… और बच्चों की परेशानी’
अधिकांश अभिभावकों के बच्चे अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते हैं। ऐसे में एक बच्चे के स्कूल में अवकाश तथा दूसरे बच्चे के स्कूल सोमवार से शुरू हो गए। शिविरा पंचांग के अनुसार शीतकालीन सत्र शुरू होते ही स्कूलों का समय सुबह 9:40 तक हो जाता है। पर, शहर सहित जिले के कई निजी विद्यालय अब भी सुबह आठ बजे ही खुल रहे हैं। ऐसे में बच्चों को सुबह सात बजे ही तेज ठण्ड के बावजूद तैयार होकर स्कूल बस स्टॉप पर खड़ा होना पड़ रहा है।
मान्यता के समय देते हैं शपथ-पत्र
समस्त निजी विद्यालयों की ओर से मान्यता की फाइल लगाए जाने पर यह उसी शर्त पर स्वीकार की जाती है कि वह शिविरा पंचांग एवं सरकार की ओर से समय-समय पर जारी किए जाने वाले परिपत्रों-आदेशों की पालना सुनिश्चित करेंगे। पालना के अभाव में निजी विद्यालय को नोटिस देने तथा मान्यता निरस्त करने तक की कार्रवाई अमल में लाए जाने के प्रावधान है।
– माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में अवकाश घोषित है 25 दिसम्बर से आठ जनवरी तक
– सीबीएसई से अधिकृत स्कूलों में अवकाश घोषित है 25 दिसम्बर से पांच जनवरी तक
– जिले में सरकारी विद्यालय 2700 से अधिक।
-जिले में निजी स्कूल- करीब 500
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक प्रेमजी पाटीदार ने कहा कि शिविरा पंचांग की पालना जरूरी है। यदि किसी निजी विद्यालय स्तर से अवहेलना की जा रही है तो इसकी जानकारी लेंगे।
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शैलेंद्र भट्ट ने कहा कि हमारे ध्यान में फिलहाल ऐसा कोई प्रकरण नहीं आया है। मंगलवार को जांच कर वास्तविकता का पता लगाएंगे।